नई दिल्ली: उत्तर प्रदेश की पूर्व मुख्यमंत्री मायावती ने दो अप्रैल को हुए भारत का समर्थन किया है. हालांकि उन्होंने इस दौरान हुई हिंसा की निंदा की. गौरतलब है कि उच्चतम न्यायालय के फैसले के खिलाफ दो अप्रैल को भारत बंद बुलाया गया था. इस दौरान देश के अलग-अलग हिस्सों में हिंसा की खबरें आई थी जिसमें कई लोगों को अपनी जान गंवानी पड़ी थी. जानकारों के अनुसार मायावती द्वारा भारत बंद का समर्थन करना उनके रुख में बड़े बदलाव को बताता है. खास बात यह है कि मायावती ने 2007 में मुख्यमंत्री रहते हुए दो आदेश जारी किए थे, जो इस कानून के दुरूपयोग या किसी निर्दोष को झूठा फंसाने के खिलाफ बचाव से संबंधित थे.
इससे पहले तत्कालीन मुख्य सचिव शंभू नाथ ने 20 मई 2007 को एक आदेश जारी किया था जिसमें 18वें बिन्दु में उक्त कानून के तहत पुलिस शिकायतों के मुद्दे पर विस्तार से विवरण था. यह आदेश मायावती के उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री पद की शपथ लेने के कुछ समय बाद ही जारी किया गया था.
उत्तर प्रदेश के तत्कालीन मुख्य सचिव प्रशांत कुमार की ओर से 29 अक्तूबर 2007 को जारी आदेश में कहा था कि पुलिस के आलाधिकारी यह सुनिश्चित करें कि अनुसूचित जाति एवं जनजाति के लोगों पर अत्याचार के मामलों में त्वरित न्याय मिले. साथ ही यह भी कहा गया था कि यह सुनिश्चित करें कि किसी निर्दोष का उत्पीडन ना हो. तत्कालीन मुख्य सचिव की ओर से जारी दोनों आदेशों में स्पष्ट कहा गया था कि केवल शिकायत के आधार पर कार्रवाई नहीं होनी चाहिए लेकिन जब आरंभिक जांच में आरोपी प्रथम दृष्टया दोषी नजर आए तो ही उसकी गिरफ्तारी की जानी चाहिए.
View More About Our Services:-Mobile Database number Provider and Digital Marketing
इससे पहले तत्कालीन मुख्य सचिव शंभू नाथ ने 20 मई 2007 को एक आदेश जारी किया था जिसमें 18वें बिन्दु में उक्त कानून के तहत पुलिस शिकायतों के मुद्दे पर विस्तार से विवरण था. यह आदेश मायावती के उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री पद की शपथ लेने के कुछ समय बाद ही जारी किया गया था.
उत्तर प्रदेश के तत्कालीन मुख्य सचिव प्रशांत कुमार की ओर से 29 अक्तूबर 2007 को जारी आदेश में कहा था कि पुलिस के आलाधिकारी यह सुनिश्चित करें कि अनुसूचित जाति एवं जनजाति के लोगों पर अत्याचार के मामलों में त्वरित न्याय मिले. साथ ही यह भी कहा गया था कि यह सुनिश्चित करें कि किसी निर्दोष का उत्पीडन ना हो. तत्कालीन मुख्य सचिव की ओर से जारी दोनों आदेशों में स्पष्ट कहा गया था कि केवल शिकायत के आधार पर कार्रवाई नहीं होनी चाहिए लेकिन जब आरंभिक जांच में आरोपी प्रथम दृष्टया दोषी नजर आए तो ही उसकी गिरफ्तारी की जानी चाहिए.
View More About Our Services:-Mobile Database number Provider and Digital Marketing
No comments:
Post a Comment