नई दिल्ली : ग्लोबल वार्मिंग के कारण दुनिया में मौजूद हिमखंड या आइसबर्ग तेजी से पिघल रहे हैं. उत्तरी ध्रुव और दक्षिणी ध्रुव पर ग्लोबल वार्मिंग व जलवायु परिवर्तन का असर देखा जा सकता है. अब खबर आई है कि दुनिया का सबसे बड़ा हिमखंड अपना अस्तित्व खोने की कगार पर पहुंच गया है. अमेरिकी अंतरिक्ष एजेंसी नासा के मुताबिक वर्ष 2000 में अंटार्कटिका से अलग हुआ B-15 नामक दुनिया का सबसे बड़ा हिमखंड या आइसबर्ग अब भूमध्य रेखा पर गर्म पानी वाले समुद्र पर पहुंच गया है. उनके मुताबिक अब यह जल्द ही पूरी तरह पिघल कर खत्म हो जाएगा. इसने अंटार्कटिका से अलग होने के बाद भूमध्य रेखा पर पहुंचने के लिए करीब 10 हजार किमी का सफर तय किया है. B-15 को इस सफर में 18 साल का समय लगा.
11 हजार वर्ग किमी बड़ा है हिमखंड
अंतरराष्ट्रीय अंतरिक्ष केंद्र (आईएसएस) से ली गईं ताजा तस्वीरों के मुताबिक 11 हजार वर्ग किमी बड़ा B-15 हिमखंड इस समय दक्षिण अटलांटिक महासागर में स्थित साउथ जॉर्जिया के उत्तरी इलाके तक पहुंच गया है. इस इलाके में समुद्र का पानी गर्म रहता है. इसलिए नासा के वैज्ञानिकों को अनुमान है कि जल्द ही यह हिमखंड पूरी तरह खत्म हो जाएगा.
2000 में हुआ था अलग
दुनिया का यह सबसे बड़ा हिमखंड बी-15 वर्ष 2000 में अंटार्कटिका से अलग हुआ था. इसका क्षेत्रफल जमैका जितना बड़ा है. उस समय वैज्ञानिक रिकॉर्ड में इतना बड़ा हिमखंड कभी भी दर्ज नहीं किया गया था. अंटार्कटिका से अलग होने के बाद इसका नाम B-15 रखा गया. शुरुआत से ही यह हिमखंड समुद्र के ठंडे पानी में ही सफर तय करता रहा. नासा के अनुसार इसके टूटने के बाद करीब 1 साल बाद समुद्र की उत्तर दिशा की लहरों ने इसके सफर की दिशा को बदल दिया.
टुकड़े-टुकड़े हुआ हिमखंड
अंटार्कटिका से अलग होने के बाद समुद्री सफर पर निकला B-15 उत्तरी समुद्री लहरों के कारण कई छोटे-छोटे टुकड़ों में बंट गया. इस समय इस हिमखंड के महज चार टुकड़े ही बचे हैं. ये करीब 68.59 वर्ग किमी से बड़े हैं. नासा के मुताबिक अगर इनमें से एक भी टुकड़ा पिघलकर अधिक छोटा हो गया तो अमेरिका के नेशनल आइस सेंटर द्वारा इनकी निगरानी नहीं की जा सकेगी.
सबसे बड़ा टुकड़ा B-15Z
अंटार्कटिका से टूटने के बाद समुद्री सफर पर निकले बी-15 के मौजूदा चार टुकड़ों में से सबसे बड़ा टुकड़ा B-15Z करीब 171.49 वर्ग किमी बड़ा है. लेकिन वैज्ञानिकों के मुताबिक इस टुकड़े के भी बीच के हिस्से में कई दरारें पड़ गई हैं. साथ ही इसके भी कई हिस्से अलग हो चुके हैं. इसका खुलासा मई में ली गईं तस्वीरों में हुआ था.
Source:-ZEENEWS
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11 हजार वर्ग किमी बड़ा है हिमखंड
अंतरराष्ट्रीय अंतरिक्ष केंद्र (आईएसएस) से ली गईं ताजा तस्वीरों के मुताबिक 11 हजार वर्ग किमी बड़ा B-15 हिमखंड इस समय दक्षिण अटलांटिक महासागर में स्थित साउथ जॉर्जिया के उत्तरी इलाके तक पहुंच गया है. इस इलाके में समुद्र का पानी गर्म रहता है. इसलिए नासा के वैज्ञानिकों को अनुमान है कि जल्द ही यह हिमखंड पूरी तरह खत्म हो जाएगा.
2000 में हुआ था अलग
दुनिया का यह सबसे बड़ा हिमखंड बी-15 वर्ष 2000 में अंटार्कटिका से अलग हुआ था. इसका क्षेत्रफल जमैका जितना बड़ा है. उस समय वैज्ञानिक रिकॉर्ड में इतना बड़ा हिमखंड कभी भी दर्ज नहीं किया गया था. अंटार्कटिका से अलग होने के बाद इसका नाम B-15 रखा गया. शुरुआत से ही यह हिमखंड समुद्र के ठंडे पानी में ही सफर तय करता रहा. नासा के अनुसार इसके टूटने के बाद करीब 1 साल बाद समुद्र की उत्तर दिशा की लहरों ने इसके सफर की दिशा को बदल दिया.
टुकड़े-टुकड़े हुआ हिमखंड
अंटार्कटिका से अलग होने के बाद समुद्री सफर पर निकला B-15 उत्तरी समुद्री लहरों के कारण कई छोटे-छोटे टुकड़ों में बंट गया. इस समय इस हिमखंड के महज चार टुकड़े ही बचे हैं. ये करीब 68.59 वर्ग किमी से बड़े हैं. नासा के मुताबिक अगर इनमें से एक भी टुकड़ा पिघलकर अधिक छोटा हो गया तो अमेरिका के नेशनल आइस सेंटर द्वारा इनकी निगरानी नहीं की जा सकेगी.
सबसे बड़ा टुकड़ा B-15Z
अंटार्कटिका से टूटने के बाद समुद्री सफर पर निकले बी-15 के मौजूदा चार टुकड़ों में से सबसे बड़ा टुकड़ा B-15Z करीब 171.49 वर्ग किमी बड़ा है. लेकिन वैज्ञानिकों के मुताबिक इस टुकड़े के भी बीच के हिस्से में कई दरारें पड़ गई हैं. साथ ही इसके भी कई हिस्से अलग हो चुके हैं. इसका खुलासा मई में ली गईं तस्वीरों में हुआ था.
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